मुंहासे ज्यादा होते हैं तो इन फूड्स का करें सेवन, ये है घरेलू और बेहद कारगर तरीका

मुंहासे ज्यादा होते हैं तो इन फूड्स का करें सेवन, ये है घरेलू और बेहद कारगर तरीका

सेहतराग टीम

आज के समय में बदलते मौसम की वजह से हमारे चेहरे पर कई तरह की समस्याएं होती हैं। उनमें से एक है मुंहासे जो काफी सामान्य होते हैं। यह अक्सर हर लड़के-लड़की को होता है। वहीं कुछ महिलाओं को तो मेनोपॉज के बाद भी मुंहासों और चेहरे पर दाने निकलने की समस्या होती है। इन मुंहासों को ठीक करने के लिए आमतौर पर एंटीबायोटिक दवाओं का प्रयोग किया जाता है। मगर क्या हमेशा दवाओं का प्रयोग सही है? जवाब है, जी नहीं। एंटीबायोटिक दवाओं का प्रयोग बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं करना चाहिए। कील-मुंहासे आमतौर पर त्वचा की सामान्य समस्याएं मानी जाती हैंइसलिए इनके लिए कुछ वैकल्पिक चिकित्सा अपना सकते हैं।

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हाल में ही वैज्ञानिकों ने एक शोध के बाद बताया कि प्रोबायोटिक फूड्स के सेवन से कील-मुंहासों की समस्या से आराम पाया जा सकता है। वैज्ञानिकों के अनुसार प्रोबायोटिक फूड्स में क्रॉनिक इंफ्लेमेशन को दूर करने वाले गुण होते हैं इसलिए इसके सेवन से आपको मुंहासों की समस्या में राहत मिल सकती है।  

खाइए दही, योगर्ट और छाछ

भारत में बात करें तो प्रोबायोटिक फूड्स में दही और योगर्ट सबसे आसानी से मिल जाने वाले आहार हैं। इसके अलावा घर में बनाया गया छाछ (मट्ठा) भी बहुत अच्छा प्रोबायोटिक फूड है। मटर, साबुत अनाज, दालों, फलों और सब्जियों को भी प्रोबायोटिक फूड माना जाता है। इसलिए इन सभी का सेवन आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। ये प्रोबायोटिक फूड्स आपकी रक्षा सिर्फ मुंहासों से बचाने में ही नहीं, बल्कि कई समस्याओं में कर सकते हैं।

प्रोबायोटिक फूड्स दूर करते हैं पेट की समस्याएं

प्रोबायोटिक फूड्स के सेवन से पेट की समस्याएं भी दूर रहती हैं। इसका कारण यह है कि प्रोबायोटिक फूड्स में नॉन-डाइजेस्टिबल फाइबर होते हैं, जो आंतों में हेल्दी बैक्टीरिया को बढ़ावा देते हैं। इसलिए इसके सेवन से अपच, कब्ज, गैस और बदहजमी जैसी समस्याएं दूर रहती हैं।

मुंहासों में क्यों फायदेमंद हैं प्रोबायोटिक फूड्स?

मुंहासे आमतौर पर इंफ्लेमेशन के कारण होते हैं। शरीर के किसी हिस्से में बैक्टीरिया या हार्मोनल असंतुलन के कारण सूजन को इंफ्लेमेशन कहा जाता है। वैज्ञानिकों ने पाया है कि प्रोबायोटिक फूड्स के सेवन से क्रॉनिक इंफ्लेमेशन दूर हो सकता है। इन फूड्स में मौजूद हेल्दी बैक्टीरिया टिशूज को रिपेयर करने में भी मदद करते हैं।   

बहुत ज्यादा न करें सेवन

प्रोबायोटिक फूड्स हेल्दी जरूर माने जाते हैं, मगर इनका सेवन बहुत ज्यादा नहीं करना चाहिए। ये फूड्स जिन समस्याओं में फायदेमंद माने जाते हैं, बहुत अधिक खा लेने पर उन्हीं समस्याओं को बढ़ा भी सकते हैं। दरअसल आंतों में बैक्टीरिया के बहुत अधिक बढ़ जाने पर भी पेट दर्द, डायरिया और स्किन एलर्जी आदि समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए अपने खानपान में इन्हें थोड़ा-थोड़ा रोजाना के लिए शामिल करें। बेहतर होगा कि आप रोजाना खाने के साथ एक कटोरी दही या एक ग्लास छाछ पिएं। इसके अलावा कच्ची सब्जियों का सलाद, कच्चे फल और मोटे अनाज से बनी चीजें खाएं। अंकुरित दालें और चना, मटर आदि का सेवन करें।

 

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